सूरज की पहेली किरण
जब सूरज की पहेली किरण धरती को करे रौशन सब बन जाते है मगन धरती को करे रौशन जब सुप्रभात होती है रोशनी की बरसात होती है खिलते हीरे और मोती है धरती बन जाये दुल्हन जंगल में सारे जानवर उठते है उबासी मारकर फिर ज़ोरों की अंगराई लेकर करते है दिन का आगमन अपने घोंसले से सब पंछी उठकर निकलते है पंछी अपना काम करने सब पंछी उड़े जब भर जाये गगन
मई का महीना
मई का महीना शिरु हूवा गर्मी पसीना शिरु हूवा गरमागरम चाय की जगह ठंडा पीना शिरु हूवा बाकि फलों को छोड़कर आम खाना शिरु हूवा रंग आकाश का नीला है बादल न कोई साया है सूरज तेज बरसा रहा हवा का झोंका आया है हर गम के आसूं का हसी से पीना शिरु हूवा
वसन्तदूती
ऐ वर्षा के आगमन का समाचार लाये , हर दिल छूती स्वागत कर रही नाच उड़कर सारे आकाश में वसन्तदूती बदलों की काली छत है छायी सूखे आसमान में चारों और पहेली कड़कती बरसाती झड़ी में धरती की सुगंध रही है दौर किस तरह यह पानी की देखो झरझर तरमर है टूटी स्वागत कर रही नाच उड़कर सारे आकाश में वसन्तदूती पट पट पर मुरझाये पेड़ उनपर चढ़े वसन्ततिलक बदल जाए रंग वनो का बस झपकते इक पलक अंकुरित होये हर डाली पर नयी तरंग संग है फूटी स्वागत कर रही नाच उड़कर सारे आकाश में वसन्तदूती
Fly In the Sky
fly in the sky........ its a season of lovely rains hand in hand walk in love lanes
नशा
छाया है ऐसा नशा इश्क का के इस नशे में हो चूर पड़े है तुम्हारे हसीं जिस्म पर हाय मेरे ये प्यासे प्यासे नूर पड़े हैं
1st June
बरसो बदल बरसो हम बड़े तरसे बारिश कब बरसे गर्मी के मारे निकले नहीं घरसे बारिश कब बरसे १स्ट जून, बारिश आ जाओ सून मॉर्निंग से लेकर हो गयी नून सुन डूब गया आ गया मून तून कार्टून बस देखें हम पेरसे बारिश कब बरसे