नजरिए
नज़र है इसीलिये नज़रिए है। नज़र है तो सिर्फ उसके लौट आने का। उमरां इंतजार रहेगा, उसके फिर से मेरी और देख कर मुस्कुराने का। ज़ख्म भर जाते है उसकी बातों से, फिर भी वो कहता, 'आके मिलूंगा'। ये दो महिनों की दूरी मुश्किल है, तू साथ है तो सब हासिल है। नज़र है इसीलिये नज़रिए है...