समय बदलते देर नहीं...
समय बदलते देर नहीं... खुद से खुद की बैर नहीं.. जो हुआ वो सही हुआ. जो चाहा वो नहीं हुआ बस कुछ देर की बात है.. मंजिल बस थोड़ी पास है.. बस रुकना नहीं है.. क्योंकी समय बदलते देर नहीं... आस विजय दिलाएगी हर ख़ुशी लौट आएगी.. हर पत्थर पूज्य कहलाएगा जब समय लौट आएगा.. बस थोड़ी देर की बात है...
एक शाम
एक शाम गुज़राना चाहता हूँ बहुत कु छ बताना चाहता हूँ जो बेवज़ह की चाहत है मैंव्यक्त करना चाहता हूँ एक शाम गुज़राना चाहता हूँ कु छ तुम कहना, कु छ मैंकह ल ूँगा वो शाम तुम्हारेललए मैंचुन ल ूँगा जो ख्वाब देखा हैतुम्हारेललए थोडा तुम बुनना, थोडा मैंबुन ल ूंगा एक शाम गुज़राना चाहता हूँ बहुत कु छ बताना चाहता हूँ बस सुन लेना हाथो मेंरची मेहूंदी मेंमेरा नाम देखना चाहता हूं तुम्हारेमाूंग मेंअपनेनाम का लसन्द र देखना चाहता हूँ येजो सात जन्म के फे रेहैमैं तुम्हारेसाथ लेना चाहता हूँ एक शाम गुज़राना चाहता हूँ बहुत कु छ बताना चाहता हूँ बस सुन लेना..
एक चिड़िया
एक चिड़िया तख्त पर बैठी है इसी आस में बैठी है कल का सूरज कै सा होगा कल वर्ााहोगी या चिर कल सूखा होगा एक चिच़िया तख्त पर बैठी है इसी आस में बैठी है कल का सूरज कै सा होगा घूम आई िारो धाम ढू ूंढ चलया धरती तमाम चमला नही ूंकोई प्रमाण की कल का सूरज कै सा होगा वर्ााहोगी या चिर सूखा होगा एक चिड़िया तख्त पर बैठी है इसी आस मेंबैठी हैचक कल का सूरज कै सा होगा..