एक चिड़िया by सुधीर यादव
एक चिड़िया तख्त पर बैठी है इसी आस में बैठी है कल का सूरज कै सा होगा कल वर्ााहोगी या चिर कल सूखा होगा एक चिच़िया तख्त पर बैठी है इसी आस में बैठी है कल का सूरज कै सा होगा घूम आई िारो धाम ढू ूंढ चलया धरती तमाम चमला नही ूंकोई प्रमाण की कल का सूरज कै सा होगा वर्ााहोगी या चिर सूखा होगा एक चिड़िया तख्त पर बैठी है इसी आस मेंबैठी हैचक कल का सूरज कै सा होगा..