बचपन की यादें by ईशा पठानिया
बचपन बहुत याद आता है, मुझे बिना किसी शर्त के बहुत प्यार मिला है। पालमपुर मेरा जन्म स्थान है, पहाड़ी इलाकों में मुझे बहुत शांति मिलती है। बचपन में मेरे परिवार ने मेरा बहुत ख्याल रखा, मेरे लिए उनकी देखभाल एक उल्लास थी। स्कूल में मैं हमेशा डरती थी, मेरे लिए वहां जीवन थोड़ा सा खुशहाल नहीं था। कुछ सहपाठी मुझे परेशान करते थे, मेरी बहन ने हमेशा मेरी मदद की। छठी कक्षा में मुझे आत्मविश्वास महसूस होने लगा, लेकिन हमें खुशी से जीना चाहिए और हर पल का आनंद लेना चाहिए। बचपन में मैं हिसाब-किताब में बहुत अच्छी थी, न्यूटन और आर्किमिडीज मेरे प्रेरणास्रोत हैं। बचपन के दिन थे टेंशन फ्री लाइफ के, मेरा लक्ष्य एक प्रसिद्ध व्यक्ति बनना है ।