खुदा तेरा भाव कम होता by मिहिर प्रजापति
अगर हर इंसान अच्छा होता, तो खुदा तेरा भाव कम होता, अगर समंदर सा सबका दिल होता, तो तुजे चाहने वाला कोई ना होता, अगर सबकी झोली में गम ना होता, तो तुजे पूछ ने वाला कोई ना होता, अगर धोखा फरेब तू ना सिखाता, तो तुजे मान ने वाला कोई ना होता, अगर पैसो के खातिर तू बाजार में ना बिकता, तो पूज ने वाला कोई न होता, अगर धर्म जो तूने ना सिखाया होता, तो तुजे बाट ने वाला कोई ना होता, अगर मज़हब में तू ना बटता तो, खुदा तेरा भाव कम होता